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MP News: किसान-उद्यमी योजना में अब ₹50,000 से ₹10 लाख तक की लोन सुविधा

मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री किसान-उद्यमी योजना (Mukhyamantri Krishak Udyami Yojana) के तहत अब किसानों को ₹50,000 से लेकर ₹10 लाख रुपये तक का लोन आसानी से मिल सकेगा। सरकार का उद्देश्य है कि गाँव-गाँव के किसान अब सिर्फ खेती पर निर्भर न रहें बल्कि खुद का कोई छोटा-मोटा बिजनेस (Business) भी शुरू करें, जिससे उनकी कमाई (Income) लगातार बढ़े।

क्या है किसान-उद्यमी योजना?

इस योजना का मकसद ग्रामीण युवाओं और किसानों को रोजगार के नए अवसर देना है। पहले इस योजना के तहत सिर्फ ₹2 लाख तक की सहायता दी जाती थी, लेकिन अब लिमिट बढ़ाकर ₹10 लाख कर दी गई है। इस राशि से किसान कृषि-आधारित उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण यूनिट, डेयरी फार्मिंग, पोल्ट्री बिजनेस या अन्य स्वरोजगार शुरू कर सकते हैं। लोन पर ब्याज दर भी काफी कम रखी गई है, जिससे किसानों पर बोझ नहीं पड़ेगा।

ऐसे मिलेगा लोन (Loan)

सरकार ने इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की है। कोई भी किसान या ग्रामीण युवा जिसकी उम्र 18 से 45 साल के बीच है, वह इस योजना के तहत आवेदन कर सकता है। आवेदक को अपनी परियोजना रिपोर्ट, आधार कार्ड, बैंक पासबुक और जमीन से जुड़ी जानकारी जमा करनी होती है। आवेदन “merayuva.mp.gov.in” पोर्टल के जरिए किया जा सकता है। बैंक से लोन मंजूर होने के बाद सरकार उस पर ब्याज सब्सिडी भी देती है।

योजना का नाममुख्यमंत्री किसान-उद्यमी योजना
लोन राशि (Loan Amount)₹50,000 से ₹10,00,000 तक
लाभार्थीकिसान और ग्रामीण युवा
ब्याज सहायतासरकार द्वारा आंशिक सब्सिडी
आवेदन पोर्टलmerayuva.mp.gov.in
उद्देश्यकिसानों को उद्यमी बनाना और ग्रामीण रोजगार बढ़ाना

योजना से कैसे बढ़ेगी कमाई (Income)

अब किसान सिर्फ खेती करने तक सीमित नहीं रहेंगे। उदाहरण के तौर पर, कोई किसान अपने खेत में प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर फल-सब्ज़ियों का जूस, पिकल, या पैकिंग बिजनेस शुरू कर सकता है। इस काम से उसकी कमाई (Income) कई गुना बढ़ सकती है। सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना से हर गाँव में कम से कम 2 से 3 लोग स्वरोजगार शुरू करें।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आएगा बदलाव

इस योजना से स्थानीय रोजगार (Local Job) को बढ़ावा मिलेगा। ग्रामीण युवाओं को अब शहरों की ओर पलायन नहीं करना पड़ेगा। जो युवा खेती से जुड़े हैं, वे अपने गाँव में रहकर उद्योग चला सकेंगे। इससे गाँवों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।

निष्कर्ष

किसान-उद्यमी योजना उन लोगों के लिए वरदान साबित हो सकती है जो अपने गाँव में रहकर कुछ करना चाहते हैं। सरकार की यह पहल खेती के साथ उद्योग को जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अगर आप भी किसान हैं या कृषि से जुड़े हुए हैं तो इस योजना का लाभ उठाइए और खुद का बिजनेस (Business) शुरू कीजिए।

डिस्क्लेमर: किसी भी योजना में आवेदन करने से पहले संबंधित विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर विवरण जरूर देखें।

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